बड़े पंजों वाले जीवाश्म में था मकड़ी की तरह दिमाग

बड़े पंजों वाले जीवाश्म में था मकड़ी की तरह दिमाग

 
वैज्ञानिकों ने एक बेहद पुराने जीवाश्म से अब तक के सबसे संरक्षित तंत्रिका तंत्र की खोज़ की है.
ईसा पूर्व करीब 52 करोड़ साल पहले के इस बड़े पंजों वाली मकड़ी के जीवाश्म से स्पष्ट तौर पर मस्तिष्क और तंत्रिका कॉर्ड के होने के साक्ष्य मिले हैं, जो उस जीव के धड़ में सक्रिय थे.

अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस अध्ययन को नेचर पत्रिका में प्रकाशित किया है. यह विलुप्त हो चुके ऐसे जीवों के जीवाश्म हैं जो आपस में जुड़े हुए थे.इस नमूने से अब यह स्पष्ट होता है कि मकड़ी और बिच्छू के पूर्वज एक-दूसरे से जुड़े हुए थे, लेकिन क़रीब 50 करोड़ साल पहले ये अलग-अलग हो गए.
लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के ग्रेग एजकॉम्बे का कहना है कि जीवों के मुख्य प्रजातियों में ऐसे ही तंत्रिका तंत्र के होने की संभावना है जिससे जीवाश्म वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में सहायता मिल सकती है कि ये कैसे जुड़े हैं.
उन्होंने बीबीसी से कहा, ''तंत्रिका तंत्र हमारे पास मौजूद एक सबसे विश्वसनीय टूल किट है. हम यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह जीवों के जीवाश्म से नेचुरल टिशू को संरक्षित करने का सबूत है.''
उन्होंने कहा, ''हम जिन जीवाश्मों के साथ काम कर रहे हैं वे कार्बन काल के दौरान के बेहतरीन शारीरिक संरक्षण हैं. इसने हमें दिमाग, यांत्रिकी कॉर्ड और नेचुरल टिशू के बारे में सूचनाएं दी हैं, जो आंखों में जाती हैं.''
इस जीवाश्म को हाल ही में दक्षिणी चीन से बरामद किया गया और यह 'अलालकोमेनेयस' का हिस्सा है. 'अलालकोमेनेयस' आपस में जुड़े हुए जीवों की एक प्रजाति होती है. इस समूह के जीवों में दर्जनों उपअंग होते हैं जिनके सहारे वे तैरते या रेंगते हैं.
इसकी उत्पत्ति के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए इसका सीटी स्कैन कर दूसरे ऐसे जीवों के साथ तुलना की गई. इसके बाद टीम ने इस जीव की बनावट को समझने के लिए 3डी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया.
डॉ. एजकॉम्बे ने कहा कि ऐसे जीवों के बारे में जानने के उत्सुक उनके जैसे लोग यह समझना चाहते हैं कि ये आज के इस प्रजाति के जीवों से कितना अलग थे.
उन्होंने कहा, ''तंत्रिका तंत्र तक पहुंचने के बाद हमने आज के जीवों के इस्तेमाल होने वाली सूचनाओं के आधार पर ही प्राचीन जीवाश्मों में रिश्तों का अध्ययन किया.''
इस अध्ययन की सह लेखक और नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के ही जियाओया मा ने कहा, ''ईसा पूर्व 52 करोड़ साल पहले के जीवाश्म में एक पूर्ण केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के बारे में सफलतापूर्वक अध्ययन के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करना काफी शानदार रहा.''
उन्होंने कहा कि इस जीवाश्म के हाई रिज्योलुशन वाली बनाई गई तस्वीर के आधार पर टीम ने इस जीव के सिर वाले क्षेत्र में तंत्रिकीय बनावट देखी. वैज्ञानिकों ने इस जीव में मस्तिष्क से जुड़े कई और हिस्से भी दिखे.

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