दक्षिण अफ़्रीका की कंपनी ने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है जो पेपर स्प्रे की गोलियां दाग़ता है.
दक्षिण अफ़्रीकी मूल की कंपनी डेजर्ट वुल्फ़ ने
बीबीसी को बताया कि लंदन के ट्रेड शो में प्रदर्शन के बाद एक खनन कंपनी ने
इसके 25 यूनिट की ख़रीद के लिए ऑर्डर दिया है.लेकिन अंतरराष्ट्रीय ट्रेड यूनियन संघ, आईटीयूसी इस उपकरण से क़्ततई सहमत नहीं है.
अंतरराष्ट्रीय ट्रेड यूनियन संघ के प्रवक्ता टिम नूनान कहते हैं, "यह मुश्किल में डालने वाला और विकास का दुश्मन है. हम सब जानते हैं कि वैध विरोध और प्रदर्शनों में शामिल लोगों या कार्यकर्ताओं पर इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है. हम इसे रोकने के लिए तुरंत क़दम उठाएंगे."
'चकाचौंध करने वाला लेजर'
कंपनी का कहना है कि इस ड्रोन को पेपर स्प्रे के अतिरिक्त डाई-मार्कर बॉल्स और सॉलिड प्लास्टिक बॉल्स से लैस किया जा सकता है.
इस उपकरण में एक बार में ब्लाइंडिंग लेजर और भीड़ को चेतावनी देने वाले स्पीकर सहित 4,000 गोलियां को रखने की क्षमता है.
डेजर्ट वूल्फ़ के प्रबंधन निदेशक हेन्नी कीसर ने bbc को बताया, "हमें तुरंत 25 यूनिटों के ऑर्डर मिल गए."
वे आगे कहते हैं "हम ग्राहकों की पहचान जाहिर नहीं कर सकते हैं, लेकिन ये बताने की इजाजत है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय खनन कंपनी है."
सुरक्षित समाधान
कीसर का कहना है, "हमने स्कुंक को सुरक्षा जोखिमों से बचने के लिए विकसित किया है."लोनमिन मरीकाना वो संदर्भ है, जिसमें 2012 में दक्षिण अफ़्रीका के एक प्लैटिनम खदान पर हुए वेतन विवाद में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें 44 मौतें हुई थीं.
लेकिन अभियान समूह 'रोबोट आर्म्स' की अंतरराष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष नुएल शर्की ने चिंता जाहिर की है क इस उपकरण से विरोध को दबाने की प्रवृति और तानाशाही के बढ़ने का खतरा पैदा हो सकता है.
उनका कहना है, "हवा से प्लास्टिक बॉल या गोली दागने से लोग पंगु हो जाते हैं, मारे भी जा सकते हैं."
उन्होंने बताया, "प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर पेपर स्प्रे करना एक तरह की यातना है जिसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए."
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