लंबी नाक वाले एक नए टायरेनोसोरस डायनोसोर का पता चला है. शोधकर्ताओं ने इसे 'पिनोकियो रेक्स' नाम दिया है.
नौ मीटर लंबा, ख़ास तरह की नुकीली नाक वाला यह उग्र मांसभक्षी 'टायरेनोसोरस रेक्स' ही प्रजाति का बताया जा रहा है.6.6 करोड़ साल पुराने इस हिंसक जानवर को आधिकारिक रूप से 'कियांझाऊसोरस साइनेंसिस' रखा गया है.
ऑनलाइन साइंस जर्नल 'नेचर कम्युनिकेशन' में इसका ज़िक्र किया गया है. 'पिनोकियो' दूसरे टायरेनोरस से अलग दिखता है.
पिनोकियो की लंबी नाक
एडिनबरा विश्वविद्यालय के डॉक्टर स्टीव ब्रूसेट ने बताया, "इसके दांत तो टी. रेक्स से मिलते जुलते हैं, लेकिन इसकी नाक ज्यादा लंबी और पतली है, जिसके अगले सिरे पर कांटों की कतार दिखती है."उन्होंने कहा, "हमें इसे पुकारने के लिए एक नाम चाहिए था. इसकी लंबी नाक देखकर हमें पिनोकियो याद आ गया, इसलिए हमने इसे यही नाम दिया है."
शोधकर्ताओं का अब मानना है कि एशिया में डायनोसोर के क्रिटेशियस युग के अंतिम दिनों में, जो कि डायनोसोर के भी अंतिम दिन थे, शिकार करने वाले कई अलग-अलग तरह के टायरेनोसोरस होते थे.
तेरह मीटर तक लंबे विशालकाय टर्बोसोरस के टी. रेक्स जितने गहरे और शक्तिशाली जबड़े थे जो बड़े-बड़े शाकाहारियों की हड्डी चबा जाने की ताकत रखते थे.
जबकि नौ मीटर लंबे कियांझाऊसोरस के बारीक दांतों को देखकर ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ये पंख वाले डायनोसोर और छिपकली जैसे छोटे जीव-जंतुओं को अपना शिकार बनाता था.
टायरोनोसोर की नई प्रजाति
पिनोकियो की नाक का आकार अपनी तरह के जानवरों की अपेक्षा 35 फीसदी बड़ा था, लेकिन उसका चेहरा आखिर इतना लंबा क्यों है?वो बताते हैं, "यह नया डायनोसोर हल्का और अपेक्षाकृत कमजोर मांसपेशियों वाला था. संभवतः यह ज़्यादा तेज़ी से अपने शिकार पर झपटता होगा. टायरेनोसोरस टी. रेक्स सभी डायनोसोर में सबसे ख़तरनाक और घातक है."
पिनोकियो के सामने आने से विचित्र टायरनोसोरस के एक के बाद एक मिल रहे जीवाश्मों पर चल रही बहसों पर विराम लगता दिखता है.
टायरेनोसोरस उद्भव का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टर ब्रुसेट ने बताया, ''कियांझाऊसोरस का नमूना एक वयस्क का है और इसे खुदाई के समय बहुत संभाल कर निर्माण करने वाले मज़दूरों ने निकाला.''
इसे दक्षिणी चीन में गंझाऊ के नज़दीक सड़क निर्माण के दौरान खुदाई में पाया गया था. जहां तक पिनोकियो की नाक का सवाल है, वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि इसके जबड़े के जैव रासायनिक अध्ययन से इसका जवाब मिल सकेगा.
हाल के वर्षों में मंगोलिया में खुदाई के दौरान दो असाधारण कंकाल मिले हैं. इन्हें टायरेनोसोरस प्रजाति की बिलकुल नई शाखा से संबंधित माना जा रहा है.
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