मौसम में बदलाव से खत्म हुए मैमथ?

मौसम में बदलाव से खत्म हुए मैमथ?

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हजारों साल पहले धरती पर रहने वाले मैमथ का विनाश मौसम के बदलावों की वजह से हुआ न कि इंसानों की वजह से, शोध में मिले नए सबूत यही बताते हैं.
एक डीएनए विश्लेषण से पता लगा है कि धरती पर मौसम में बदलाव की वजह से मैमथ का अंत कहीं पहले हो गया था.

इस शोध के नतीजों को प्रॉसीडिंग्स ऑफ़ रॉयल सोसायटी बी में प्रकाशित किया गया है.डीएनए विश्लेषण से पता चलता है कि यूरोप में मैमथ बड़ी तादाद में थे जिनका अंत करीब 30 हज़ार साल पहले हुआ.
पहले कई शोधकर्ताओं का मानना था कि दमदार मैमथ न केवल बहुतायत में थे बल्कि अपने समय में वो धरती पर खासे फले-फूले.
लेकिन इस बारे में शोध कर रहे स्वीडिश म्यूज़ियम ऑफ नैचुरल हिस्ट्री के वैज्ञानिक डॉक्टर लव डेलन के अध्ययन ने पुरानी मान्यता को बदला है.
डॉक्टर डेलन कहते हैं, "जो तस्वीर उभर रही है उसके अनुसार मैमथ गतिशील प्रजाति थी, जो स्थानीय उन्मूलन, विस्तार और अप्रवास से गुज़री. ये जानना वाकई रोमांचकारी है कि तब इतना कुछ हो रहा था."

डीएनए नमूनों का विश्लेषण

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शोधकर्ताओं ने 300 मैमथ के डीएनए का विश्लेषण किया.
डॉक्टर डेलन ने लंदन में दूसरे शोधकर्ताओं के साथ करीब 300 मैमथ के डीएन नमूनों का विश्लेषण किया.
वैज्ञानिक नमूनों के ज़रिए ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि किसी खास समय पर कितने मैमथ रहते थे और वो कैसे एक से दूसरे स्थान पर गये. .
उन्होंने पाया कि 1 लाख 20 हजार साल पहले मैमथ तब विलुप्त होने के करीब पहुंच गए थे, जब धरती कुछ वक्त के लिए गरम हो उठी.
इसके बाद उनकी संख्या लाखों से घटकर कुछ दस हज़ार के आसपास आ गई लेकिन धरती पर एक और हिम युग आने से संख्या फिर बढ़ी.
शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि असल में इनके विलुप्त होने की शुरुआत 20 हज़ार साल पहले शुरू हुई, तब हिम युग चरम पर था, न कि 14 हज़ार साल पहले जबकि धरती दोबारा गर्म होना शुरू हुई, जैसा पहले सोचा जाता था.
उनका ये भी मानना है कि ठंड इतनी ज़्यादा थी कि मैमथ जो घास खाते थे, वो कम हो गई. लिहाज़ा वो खत्म होने लगे. उनकी संख्या में गिरावट और बढ़ी जब हिम युग खत्म हुआ,
"इंसानों समेत दूसरे जानवर हिम युग के बाद ज़्यादा सक्रिय हुए और इसलिए दूसरे जीवों से संघर्ष और शिकार भी उनके लुप्त होने की वजह हो सकती है, हालांकि ये मुख्य वजह नहीं है."
प्रोफेसर एड्रियन लिस्टर, नैचुरल हिस्ट्री म्यूज़ियम
शायद इसलिए क्योंकि दक्षिण और उत्तर के टुंड्रा में घास की जगह जंगलों ने ले ली.

मैमथ कैसे हुए खत्म?

मैमथ कैसे खत्म हुए, ये विज्ञान में हमेशा से बहस का विषय रहा है. कुछ का तर्क है कि मनुष्यों के शिकार ने उन्हें खत्म किया जबकि कुछ मानते हैं मुख्य वजह मौसम में बदलाव था.
मौसम बदलाव के कारण विलुप्त होने के तर्क की आलोचना में कहा जाता है कि क्योंकि धरती मैमथ के विलुप्त होने से पहले ही गरम हो चुकी थी इसलिए उनके लुप्त होने की ये वजह नहीं हो सकती.
नए नतीजे दिखाते हैं कि मैमथ वाकई हिम युगों के बीच में लुप्त हो गए जिससे इस तर्क को बल मिलता है कि वो मौसम बदलने की वजह से लुप्त हुए.
साल 2010 में डरहम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कम्प्यूटर पर उस वक्त का जो माहौल बनाकर दिखाया था, ये नतीजे उसे मज़बूती देते हैं.
एनएचएम के प्रोफेसर एड्रियन लिस्टर का कहना है, "इंसानों समेत दूसरे जानवर हिम युग के बाद ज़्यादा सक्रिय हुए और इसलिए दूसरे जीवों से संघर्ष और शिकार भी उनके लुप्त होने की वजह हो सकती है, हालांकि ये मुख्य वजह नहीं है."
उनका कहना है, ''करीब 20 हज़ार से 50 हज़ार साल पहले हिम युग के दौरान मैमथ की महत्वपूर्ण गतिविधि हुई - उदाहरण के लिए पूर्व से आए मैमथ ने यूरोप के मैमथ की जगह ले ली.''
प्रोफेसर लिस्टर आगे कहते हैं, ''लेकिन 20 हज़ार सालों के बाद उनकी आबादी इतने नाटकीय तरीके से खत्म होने लगी कि उनका विलुप्त होना शुरू हुआ, पहले ये दस हजार साल पहले मुख्यभूमि से ख़त्म हुए और फिर कुछ बाहरी आर्कटिक द्वीपों से. इससे तो यही लगता है कि मौसम में बदलाव के कारण ऐसा हुआ होगा, मनुष्य़ों की इस बारे में भूमिका के बारे में अभी पता चलना बाकी है.''

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